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राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली

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नई पेंशन प्रणाली (एनपीएस)


(पेंशन नहीं ये प्रान है) सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने पीएफआरडीए (पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण) के साथ उनकी नई पेंशन प्रणाली (एनपीएस) हेतु मौजूदगी के स्थान के रूप में कार्य करने का करार किया है. हमारे बैंक ने एनपीएस खातों की सुविधा हेतु 1006 शाखाओं को मौजूदगी के स्थान – सेवा प्रदाता (पीओपी/एसपी) के रूप में कार्य करने हेतु प्राधिकृत किया है . 

नई पेंशन योजना के मुख्य बिंदु एवं ढॉचा 


भारत सरकार द्वारा सभी नागरिकों के लिए नई पेंशन प्रणाली (एनपीएस) की शुरुआत की गई एवं इसका प्रबंधन पीएफआरडीए (पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण), जो कि हमारे देश में पेंशन  निधि का नियामक है, द्वारा किया जा रहा है. अभिदाता की उम्र 60 वर्ष होते ही वृद्धावस्था आय को वार्षिकी अर्थात पेंशन के माध्यम से सुरक्षित करना इसका उद्देश्य है.
पीएफआरडीए सम्बन्धी दस्तावेजों को देखने हेतु यहॉ क्लिक करें .
एनपीएस पीएफआरडीए की पेंशन प्रणाली की स्वैच्क्षिक योजना है, यह 18-60 वर्ष के सभी नागरिकों के लिए शुरु है. 
  1. यह योजना 01/05/2009 से परिचालित है. 
  2. इसका उद्देश्य दीर्घावधि में बाजार संचालित रिटर्न के साथ वृद्धावस्था पेंशन मुहैया कराना है. 
  3. ैंक की प्राधिकृत शाखाएं अर्थात मौजूदगी के स्थान–सेवा प्रदाता (पीओपी/एसपी), आवेदन प्रपत्र प्राप्त करेंगे एवं अभिदाता का पर्मानेंट रिटायरमेंट अकाऊंट नंबर (प्रान) बनाने हेतु सेंट्रल रिकॉर्ड कीपिंग एजेंसी के साथ पंजीकृत करेंगी. .
  4. प्रान भविष्य के सभी लेनदेनों में उद्दृत किया जाएगा. 
  5. यहॉ दो प्रकार के खाते हैं – स्तर -1, एवं स्तर -2.
  6. स्तर -1 खातों में अभिदाता सेवानिवृत्ति हेतु अपनी बचत का अंशदान 60 वर्ष की आयु तक एक अनाहरण खाते में देता है एवं अपने शेष जीवन तक पेंशन प्राप्त करता है. 
  7. स्तर -1 में 
    • खाता खोलते समय न्यूनतम अंशदान – रू 500/ 
    • प्रति अंशदान न्यूनतम राशि – रू-500/ 
    • वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर खाते में न्यूनतम शेष – रू 6000/ 
    • एक वर्ष में न्यूनतम अंशदान संख्या – 1 
  8. अभिदाता 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद इस योजना से बाहर हो सकता है. उसे संचित पेंशन निधि के 40% को अनिवार्यत: वार्षिकीकरण करना होगा. मूल निधि के 100% वार्षिकीकरण करने का विकल्प भी उपलब्ध है.
  9. स्तर-2 खाते स्वैच्क्षिक बचत खाते हैं जिसमें अभिदाता जब चाहे अपनी बचत का आहरण करने के लिए स्वतंत्र हैं..
  10. स्तर-2 खातों की सुविधा एनपीएस द्वारा अनिवार्यत: कवर किए गए सरकारी कर्मचारियों के साथ-साथ भारत के सभी नागरिकों के लिए 01/12/2019 से शुरु है.
  11. स्तर-2, स्तर-1 के पेंशन खाता धारकों के साथ-साथ विद्यमान पर्मानेंट अकाऊंट नम्बर (पीआरए) धारकों को निवेश के माध्यम से बचत को बढ़ावा देने में सक्षम होगा. स्तर -1 का एक सक्रिय खाता स्तर-2 का खाता खोलने हेतु पूर्व शर्त है.
  12. स्तर-2 के सम्बन्ध में खाता खोलने में एवं वार्षिक रखरखाव के रूप में कोई सीआरए प्रभार नहीं लगाया जाएगा. तो भी सीआरए स्तर- 2 में प्रत्येक लेनदेन पर अलग से प्रभारित किया जाएगा, यह प्रभार स्तर-1 में लग रहे प्रभार के बराबर होगा. 
  13. स्तर -2 में आहरण की संख्या पर कोई सीमा नहीं है. 
  14. पृथक नामांकन एवं स्तर -1 एवं स्तर - 2 में योजना अधिमान की सुविधा है. 
  15. इसमें स्तर -2 से स्तर -1  में बचत को अंतरित करने की एकमार्गी सुविधा है. 
  16. स्तर -2 के खाते खोलने हेतु बैंक के विवरण अनिवार्य हैं. 
  17. स्तर -2 खाते खोलने हेतु अलग से केवायसी की आवश्यकता नहीं है, सिर्फ स्तर 1 का खाता होने की आवश्यकता है. 
  18. स्तर- 2 के मामले में 
    • खाता खोलते समय न्यूनतम अंशदान – रू 1000/ 
    • प्रति अंशदान न्यूनतम राशि – रू-250/ 
    • वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर खाते में न्यूनतम शेष – रू 2000/
    • एक वर्ष में न्यूनतम अंशदान संख्या – 1

  19. स्तर 1 व स्तर 2 के सम्मिश्र आवेदन पर खाता खोलते समय न्यूनतम अंशदान रू1500/ है..
  20. अभिदाता को पर्मानेंट रिटायरमेंट अकाऊंट नंबर के बारे में सीआरए द्वारा बताया जाएगा. सीआरए द्वारा प्रान प्राप्त  ही अभिदाता अपनी पसन्द के पीओपी-एसपी के माध्यम से अपने अभिदान को जमा करना शुरु कर सकता है. 
  21. सीआरए सभी अभिदानों का रिकॉर्ड संभालकर रखेगा. 
  22. अभिदाता के पास निवेश (सक्रिय विकल्प) हेतु 3 विकल्प हैं : 
  1. उच्च जोखिम उच्च रिटर्न (आस्ति वर्ग ई) : मुख्य रूप से इक्विटी मार्केट लिखत में निवेश 
  2. मध्यम जोखिम मध्यम रिटर्न (आस्ति वर्ग सी) : सरकारी प्रतिभूतियों से इतर ऋण प्रतिभूति में निवेश
  3. कम जोखिम कम रिटर्न (आस्ति वर्ग जी) : सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश
  1. एक अभिदाता जिसने सक्रिय विकल्प का चयन किया है वह उपलब्ध आस्ति वर्गों “ई”, “जी”, & “सी” का चयन कर सकता है. तो भी सभी चयनित आस्ति वर्गों के आबंटन प्रतिशत का योग 100 होना चाहिए. इक्विटी (ई) के तहत आबंटन 50% से अधिक नहीं हो सकता.
  2. अभिदाता ऑटो विकल्प* भी चुन सकता है - लाईफ साईकल फंड –  वे जिन्हें अपने एनपीएस निवेश के प्रबंधन हेतु पर्याप्त ज्ञान नहीं है. इस विकल्प में 3 आस्ति वर्गों में से निवेशों का मिश्रण निवेशक की उम्र के आधार पर सिस्टम तय करेगा. इस विकल्प में लाईफ साईकल फंड में निवेश किया जाएगा. यहॉ 3 आस्ति वर्गों में निवेश किए गए फंड का % पूर्व निर्धारित पोर्टफोलियों द्वारा तय किया जाएगा. इसमें प्रवेश की न्यूनतम अवधि 18 वर्ष है, यहॉ ऑटो विकल्प के तहत पेंशन निधि का 50% ई वर्ग में, 30% सी वर्ग में, एवं 20% जी वर्ग में निवेश होगा. निवेश के ये अनुपात सभी योगदानों के लिए तब तक स्थिर रहेंगे जब तक कि प्रतिभागी 36 वर्ष की आयु तक नहीं पहुंच जाता. 36 वर्ष की आयु से ई एवं सी आस्ति वर्ग में निवेश सालाना घटता जाएगा एवं जी वर्ग में बढ़ता जाएगा जब तक कि यह 55 वर्ष की आयु तक ई वर्ग में 10%, सी वर्ग में 10 % एवं जी वर्ग में 80% नहीं हो जाता..